पिछले कुछ समय से मैं अपने स्वास्थ्य और जीवनशैली पर ध्यान दे रही थी। लेकिन यह सच है — कभी-कभी आपको किसी और की तुलना में अपनी कामयाबी खुद का लक्ष्य बनाना पड़ता है। और इस सफ़र की शुरुआत मेरे मन में ये विचार आते ही हो गई—अब या तो वजन घटाओ या खुद से समझौता। लेकिन मैंने न तो जिम में घंटों बिताए, न ही खुद को भूखा रखने वाली कोई सख्त डाइट अपनाई। बस, थोड़ा स्मार्टिफ़िकेश और अनुशासन अपनाया — और जाना कि वजन घटाना इतना मुश्किल भी नहीं।
पहले पहचान: “फिटशी” नाम का मेरा निर्णय
शुरुआत में किसी ने मेरी फिटनेस प्रगति नहीं देखी, लेकिन जब मैंने खुद को बोना शुरू किया—“चलो, फिट मोड ऑन करते हैं”—तब मेरी बहन जैसे पिछले सप्ताह की बात भूल गई। उसके एक इशारे में “फिटशी वापस आ गया” जैसे शब्द थे, और वह मुझे जानती थी कि फिटनेस मेरे लिए सिर्फ शरीर की नहीं, मन की भी यात्रा है। बस इतना था — बस “BEAST Mode” ऑन हुआ और मैंने ये सफ़र शुरू कर दिया।
वजन घटाना तकनीक का साथ, लेकिन पुरानी शैली से
मैंने अपने लक्ष्य को आसान बनाने के लिए सस्ती और मुफ़्त तकनीक का सहारा लिया — जैसे हर दिन कदम गिनने वाला ऐप या पानी की मात्रा ट्रैक करने वाला रिमाइंडर। लेकिन असली चाबी थी पुरानी शैली का लगातार अभ्यास और आत्म-नियंत्रण।
- स्मार्ट ट्रैकिंग — मैंने हर दिन का खाना, पानी और गतिविधियों को नोट किया। लेकिन मैंने इसे कोई भारी प्रक्रिया नहीं बनाया, सिर्फ़ यह देखने के लिए कि मैं कहाँ सुधार सकती हूँ।
- धीरे-धीरे निरंतरता — मैंने पहला कदम उठाया — सुबह टहलना, हल्का स्ट्रेचिंग या डांसिंग। यह बड़ी चीज़ नहीं लगती, लेकिन मेरे शरीर को हिलने-जुलने की आदत बना देती है।
- बदलाव पूर्ति के लिए, भूखेपन से नहीं — मैंने अपने खाने को पूरी तरह से बंद करने के बजाय, उसमें पौष्टिक बदलाव किए जैसे कि प्यूरी खराब करने वाली चीजों को छोड़ना और संतुलित साधारण विकल्प शामिल करना।
- माइंडसेट का महत्व — जब भी मन उदास या आलसी होता, खुद से पूछा — “क्या मैं वही करना चाहती हूँ जो अब तक कर रही थी—या कुछ अलग, जो मुझे आगे ले जाए?”

परिणाम: 10 किलो से अधिक वजन घटाना और आत्मविश्वास बड़ा
यह तरीका तुरंत जिम में पसीना बहाने जैसा नहीं था, लेकिन संतुलित, सहज और मेरे जीवनशैली के अनुकूल था। और सबसे जरूरी यह था कि मैं तब भी इसे जारी रख सकती थी जब जिम बंद हो गया या मैं थक गई। 10 किलो घटाने का अनुभव—हालांकि धीमे—लेकिन स्थायी और आत्मविश्वास से भरा था।
लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव, वजन घटाने में बड़े नतीजे
वजन घटाने का असली राज़ सिर्फ़ कैलोरी गिनने या डाइट चार्ट पर टिके रहने में नहीं है। असली फर्क तब आता है जब आप अपनी रोज़मर्रा की आदतों में छोटे लेकिन असरदार बदलाव करते हैं। उदाहरण के लिए, मैंने लिफ्ट का इस्तेमाल छोड़कर सीढ़ियों को चुना। शुरुआत में यह कठिन लगा, लेकिन धीरे-धीरे यह मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गया। इससे न केवल कैलोरी बर्न हुई बल्कि स्टैमिना भी बढ़ा।
इसके अलावा, मैंने स्क्रीन टाइम कम करने और नींद पर ध्यान देने का फैसला लिया। जब शरीर को पर्याप्त आराम मिलता है, तो मेटाबॉलिज़्म बेहतर काम करता है और अनचाही भूख कम हो जाती है। पहले मैं देर रात तक मोबाइल इस्तेमाल करता था, लेकिन अब मैं समय पर सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डाल चुका हूँ। यह साधारण-सा बदलाव मेरे पूरे दिन की ऊर्जा और मूड को प्रभावित करता है।
एक और बड़ा फर्क आया माइंडफुल ईटिंग से। पहले मैं टीवी देखते हुए खाना खाता था और अंदाज़ा ही नहीं लगता था कि कितना खा गया। अब मैं धीरे-धीरे, हर निवाले का स्वाद लेते हुए खाता हूँ। इसने न सिर्फ़ ओवरईटिंग रोकी, बल्कि खाने के साथ मेरा रिश्ता भी हेल्दी बना दिया।
सबसे अहम बात यह है कि मैंने खुद को दूसरों से तुलना करना बंद किया। हर किसी का शरीर अलग होता है और हर किसी की यात्रा भी। मेरा लक्ष्य सिर्फ़ खुद को बेहतर बनाना है। यही सोच मुझे हर दिन प्रेरित करती है और आगे बढ़ने की ताकत देती है।